Monday, July 18, 2011

पर सरफरोशी की तमन्ना, अब भी हमारे दिल में है ! Please do not take it personally


पर सरफरोशी की तमन्ना अब भी हमारे दिल में है !
हाँ सरफरोशी की तमन्ना अब भी हमारे दिल में है !!
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ओ रे बिस्मिल ! काश आते आज तुम हिन्दोस्तां !
देखते की मुल्क सारा क्या "टशन"-महफ़िल में है !

आज के जलसों में बिस्मिल एक गूंगा गा रहा !
और बहरों का वो रैला नाचता महफ़िल में है !!
इंग्लिस मिल में बनी चड्डी !
हाथ की खादी बनाने का ज़माना लद गया !
आज तो चड्डी भी सिलती इन्ग्लिसों के मिल में है !!

सरफरोशी की कविता, हम बताओ क्यूँ पढ़ें  !
अपनी आज़ादी तो अब पोइम : जेक एंड जिल में है !

आज भारत मिट गया, पर इण्डिया अपने दिल में है !
बोल-बाला फिरंगियों का आज की महफ़िल में है !!

पर सरफरोशी की तमन्ना अब भी हमारे दिल में है !
हाँ सरफरोशी की तमन्ना अब भी जमारे दिल में है !!

कातिलों से क्या लड़ें, अब जान प्यारी है हमें !
इसलिए तो आज बैठे, बन चूहे अपने बिल में हैं !!
माँ भारती से ज्यादा जिसे, इक प्रेमिका से प्यार है ! निकल जाए इस देश से, वो जीवन ही बेकार है !!


आज का लौंडा ये कहता : "हम तो बिस्मिल थक गए" !
अपनी आज़ादी तो भैया, लौंडिया के दिल में है !!

पूछो अपने आप से क्या तुम्हारे दिल में है !
फिर बताना आसमां को क्या हमारे दिल में है !

पर सरफरोशी की तमन्ना अब भी हमारे दिल में है !
हाँ सरफरोशी की तमन्ना अब भी जमारे दिल में है !!


Disclaimer: we are not point at any one here so please do  not take it personally .

copied from INDIA ARMY FANS

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